दीवानेपन की इंतिहा ना कोई, चलता-फिरता इश्तिहार हूँ मैं ! दीवानेपन की इंतिहा ना कोई, चलता-फिरता इश्तिहार हूँ मैं !
अंधेरे में जलाना सदा वो दीपक तम साथ करे, दगाबाज का कत्ल। अंधेरे में जलाना सदा वो दीपक तम साथ करे, दगाबाज का कत्ल।