'निःस्वार्थ की छाँवं लिए जैसे परमार्थ को त्तपर खड़ा था, समता का भाव लिए वैसे ही क्यूँ झुक पाया न मैं ... 'निःस्वार्थ की छाँवं लिए जैसे परमार्थ को त्तपर खड़ा था, समता का भाव लिए वैसे ही क...