सूरमा पे लीखी कविता। सूरमा पे लीखी कविता।
जब संघर्ष करता है नर, पर्वत के जाते पांव उखड़। सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं जब संघर्ष करता है नर, पर्वत के जाते पांव उखड़। सूरमा नहीं विचलित होते, ...
मन की किताब पर लिखा हुआ एक एक शब्द वक्त की लहरों के आवेग से मिट ही जायेगा । मन की किताब पर लिखा हुआ एक एक शब्द वक्त की लहरों के आवेग से मिट ह...