बाहर की दुनियादारी में, केवल छल, कपट दुख है।। बाहर की दुनियादारी में, केवल छल, कपट दुख है।।
सजा लो हिया में उनको तुम अवध प्रभुराम आये हैं।। सजा लो हिया में उनको तुम अवध प्रभुराम आये हैं।।