मैं सिहर सिहर जाता हूँ , कोई अजनबी बनकर तुम आते हो और मेरी खामोशी को आग लगा जाते हो मैं सिहर सिहर जाता हूँ , कोई अजनबी बनकर तुम आते हो और मेरी खामोशी को आग लगा ज...
इस क़दर लहरों के समंदर में उसे तूफ़ान का अंदेशा ही ना था। इस क़दर लहरों के समंदर में उसे तूफ़ान का अंदेशा ही ना था।