शब्द न ओस बनते हैं न फूल। शब्द न ओस बनते हैं न फूल।
प्रेम, ममता से भरी सुरभित सरस मैं प्रीतिका हूँ मैं विभा हूँ...। प्रेम, ममता से भरी सुरभित सरस मैं प्रीतिका हूँ मैं विभा हूँ...।
बीच संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में मानव जाति हो जायेगी। बीच संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में मानव जाति हो जायेगी।
मध्यम आबाद कहे जाते हैं ये, न बहुत अधिक न कम इंसान। मध्यम आबाद कहे जाते हैं ये, न बहुत अधिक न कम इंसान।