सुकून मुस्कुराहट ही देती है, माथे की शिकन की हलचल में सुकून मुस्कुराहट ही देती है, माथे की शिकन की हलचल में
जिंदगी महबूबा के मानिंद ,रुखसत करेगी जब इस जहां से। जिंदगी महबूबा के मानिंद ,रुखसत करेगी जब इस जहां से।