समेट लेती हूँ हर तंज हर तल्खी को लेखनी में, बड़ा अजीब है लेकिन इक तज़ुर्बा आ गया है। समेट लेती हूँ हर तंज हर तल्खी को लेखनी में, बड़ा अजीब है लेकिन इक तज़ुर्बा आ गय...