हाथी दादा थे थोड़े रुठे रह गए थे वो आज भूखे। हाथी दादा थे थोड़े रुठे रह गए थे वो आज भूखे।
एक बचकानी ज़िद से पाव भर रसीली जलेबियाँ पैक कराने एक बचकानी ज़िद से पाव भर रसीली जलेबियाँ पैक कराने