करनी है दूर पीड़ा उसकी, जिसमे दिन रात तड़पती हैं, करना है उसको दर्द मुक्त, जो दर्द वो हरदम सहती है, ना... करनी है दूर पीड़ा उसकी, जिसमे दिन रात तड़पती हैं, करना है उसको दर्द मुक्त, जो दर्द...
जब मन चाहा पवित्र हो जाती जब मन चाहा अपवित्र कहो कैसा है यह संस्कार। जब मन चाहा पवित्र हो जाती जब मन चाहा अपवित्र कहो कैसा है यह संस्कार।