वो भी कुछ कम नही बावली सी है बावली हो मेरे बदन को चूमती वो पेड़ो के इर्द-गिर्द फेरे लगाती मैं... वो भी कुछ कम नही बावली सी है बावली हो मेरे बदन को चूमती वो पेड़ो के इर्द-...
कि 'गुलशन' तुम्हीं से महकने लगा है, फिज़ा ये ख़ुशी का बहारा न होता। कि 'गुलशन' तुम्हीं से महकने लगा है, फिज़ा ये ख़ुशी का बहारा न होता।