ओ प्यारी कविता ओ मेरी कविता कितनी तड़पन है तुझ में ऐसे क्यों उतर के आती है तू मेरे म ओ प्यारी कविता ओ मेरी कविता कितनी तड़पन है तुझ में ऐसे क्यों उतर के आती है तू...
खाने में कुछ अलग बनाती हूं, खाता देख सबको, आत्म संतुष्टि पाती हूं खाने में कुछ अलग बनाती हूं, खाता देख सबको, आत्म संतुष्टि पाती हूं