उलझी ज़िन्दगी को अगर सुलझाना आ जाए, तो असल में ज़िन्दगी जीना आ जाए। उलझी ज़िन्दगी को अगर सुलझाना आ जाए, तो असल में ज़िन्दगी जीना आ जाए।
मगर मजबूत दरख़्त अपनी बुनियाद पर शांखो के साथ ही टिका नजर आता। मगर मजबूत दरख़्त अपनी बुनियाद पर शांखो के साथ ही टिका नजर आता।
खोया हमने बाहर खाना, खुद की रसोई बनाई है खोया हमने वाहन का शोर, पंछी ने कूक सुनाई है। खोया हमने बाहर खाना, खुद की रसोई बनाई है खोया हमने वाहन का शोर, पंछी ने कूक ...