परतें खोलूँ कैसे परतें खोलूँ कैसे
फिसलन भरे मन से फिसलन भरी जिंदगी तक। फिसलन भरे मन से फिसलन भरी जिंदगी तक।
आज घर में रहकर, कपड़े धो रही हूं, बर्तन मांज रही हूं, आज घर में रहकर, कपड़े धो रही हूं, बर्तन मांज रही हूं,