दिन रात सुबह शाम, हर वक़्त सोचता हूं तुम्हें और ना चाहूं तो नादान जज़्बात फिसल जाती हैं मे... दिन रात सुबह शाम, हर वक़्त सोचता हूं तुम्हें और ना चाहूं तो नादान जज़्...
बस रूह को चुप रखना और दिल को शांति आँखों में आँखें डालकर, बस रूह को चुप रखना और दिल को शांति आँखों में आँखें डालकर,
तुम दोस्त थे अपने भी थे तुमसे मेरे कुछ सपने भी थे दोस्ती करके फिर दुश्मनी की वजह क्या है तुम दोस्त थे अपने भी थे तुमसे मेरे कुछ सपने भी थे दोस्ती करके फिर दुश्मनी ...
न जात का पता था, न पात का पता था, कब हुए एक दूसरे के, न इस बात का पता था... न जात का पता था, न पात का पता था, कब हुए एक दूसरे के, न इस बात का पता था...