ए `प्राण` बुढापे का निरादर नहीं करना इक रोज़ हरिक शख्स को आता है बुढ़ापा। ए `प्राण` बुढापे का निरादर नहीं करना इक रोज़ हरिक शख्स को आता है बुढ़ापा।
मेरे चारों ओर फैली है जगमगाती रश्मियां इस जगमग में आंखे मेरी गयी हैं चौंधियां टटोल रहा हूं मैं प... मेरे चारों ओर फैली है जगमगाती रश्मियां इस जगमग में आंखे मेरी गयी हैं चौंधियां...
देश के पूर्व पंतप्रधान अटलबिहारी वाजपेयी की राजनीति कैसी थी...? यह कहती है कविता... देश के पूर्व पंतप्रधान अटलबिहारी वाजपेयी की राजनीति कैसी थी...? यह कहती है कविता...