हम अखंड भारत के संतान है हमने अपने रक्त से इस धरती को सींचा है ! हम अखंड भारत के संतान है हमने अपने रक्त से इस धरती को सींचा है !
सुष्क है जीवन हमारा और पतझड़ ज़िंदगी राह तकते दृग हुये है मानो निर्झर सा हमारा सुष्क है जीवन हमारा और पतझड़ ज़िंदगी राह तकते दृग हुये है मानो निर्झर सा हमारा
रास्ते पे हम लावारिस बन गए, मौत का तांडव यहाँ फैला हुआ है !! रास्ते पे हम लावारिस बन गए, मौत का तांडव यहाँ फैला हुआ है !!