तूफानों से लड़ कर जब पहुंचे हम किनारे, तो पता चला के वो कश्ती मेरी ना थी। तूफानों से लड़ कर जब पहुंचे हम किनारे, तो पता चला के वो कश्ती मेरी ना थी।
तो उस ज़मीन की दरारें भर सी जाती है। तो उस ज़मीन की दरारें भर सी जाती है।
मैं स्त्री जो ठहरी, मुझे किसी बात का बुरा नहीं लगता। मैं स्त्री जो ठहरी, मुझे किसी बात का बुरा नहीं लगता।
हृदय मै कौन है आज हम बतायें क्या ? हृदय मै कौन है आज हम बतायें क्या ?