कौन प्रयोजन रहा कि तुमने ऐसा खेल रचाया है कौन प्रयोजन रहा कि तुमने ऐसा खेल रचाया है
नित्य व्योम में चलते- चलते जब भी, दिनकर थक जाता है। नित्य व्योम में चलते- चलते जब भी, दिनकर थक जाता है।