ऊंगली पकड़कर चलता हूं या कोई मेरी ऊंगली पकड़कर चलाता है, ये जिंदगी है यारों यहां पे कोई चलता है त... ऊंगली पकड़कर चलता हूं या कोई मेरी ऊंगली पकड़कर चलाता है, ये जिंदगी है यारों य...
गिर के उठना, उठ के गिरना ऐ ज़िन्दगी हम तुझे कहाँ जिए है बस गिर के उठे और वापस फिर गिरे है,... गिर के उठना, उठ के गिरना ऐ ज़िन्दगी हम तुझे कहाँ जिए है बस गिर के उठे और व...
अब चलना है अब चलना है
काँटों भरी राहें उल्फ़त की काँटों भरी राहें उल्फ़त की
अब दौड़ना भी आता है पर नादानीयत ये की अब उंगली पकड़ कर चलना नहीं आता। अब दौड़ना भी आता है पर नादानीयत ये की अब उंगली पकड़ कर चलना नहीं आता।
नफरत द्वेष और ईर्ष्या का श्राद्ध व तर्पण करना होगा, ना हो कभी दुश्वारी की राहें प्र नफरत द्वेष और ईर्ष्या का श्राद्ध व तर्पण करना होगा, ना हो कभी दुश्वारी की...