दिल के आँगन में रिश्तों का नंदन कानन। दिल के आँगन में रिश्तों का नंदन कानन।
सिसकती मानवता, क्यों कम, आंख का पानी है? सिसकती मानवता, क्यों कम, आंख का पानी है?
इतनी सुन्दर सृष्टि के साथ तू खेला है सृष्टि ने युगों युगों से तुझको झेला है इतनी सुन्दर सृष्टि के साथ तू खेला है सृष्टि ने युगों युगों से तुझको झेला है