पीछे नहीं हटा कभी, संग में वो मर गयाचंदबरदाई जैसा, मीत होना चाहिए एक अर्श एक फर्श, भेदभाव एक नहीं, व... पीछे नहीं हटा कभी, संग में वो मर गयाचंदबरदाई जैसा, मीत होना चाहिए एक अर्श एक फर्...
होली की मची है धूम, रहे होलियार झूम, मस्त है मलंग जैसे, डफली बजात है। होली की मची है धूम, रहे होलियार झूम, मस्त है मलंग जैसे, डफली बजात है।
ये घनाक्षरी समान छंद है प्रवाहमान। राचिये इसे सभी पियूष-धार चाखिये।। ये घनाक्षरी समान छंद है प्रवाहमान। राचिये इसे सभी पियूष-धार चाखिये।।
गुजरात के हैं लाल, चमक सजे है भाल, भारती के ललना जी, सरदार प्यारें है। गुजरात के हैं लाल, चमक सजे है भाल, भारती के ललना जी, सरदार प्यारें है।