मशाल की तरह जान हथेली पर लेकर देश के खातिर हो जाओ दफन। मशाल की तरह जान हथेली पर लेकर देश के खातिर हो जाओ दफन।
वो समझते हैं हम उन पर वार जायेंगे वो समझते हैं हम उनसे हार जायेंगे। वो समझते हैं हम उन पर वार जायेंगे वो समझते हैं हम उनसे हार जायेंगे।
तुम लाख परीक्षा लो उसकी, हर बार खरी उतरे परिवार के लिये फिक्रमंद है नारी, तुम लाख परीक्षा लो उसकी, हर बार खरी उतरे परिवार के लिये फिक्रमंद है नारी,
पार न कर तू बेईमानी की हद ... वक्त की मार से न कोई बच पाया। पार न कर तू बेईमानी की हद ... वक्त की मार से न कोई बच पाया।