उनकी खुशबू अब भी ताजी है वर्षों से सांसों में समाई है जब भी चलती है उनकी महक आने उनकी खुशबू अब भी ताजी है वर्षों से सांसों में समाई है जब भी चलती है ...
वो उड़ते हुए गेसुओं से झलके कटा सा चांद वो उड़ते हुए गेसुओं से झलके कटा सा चांद