भरके अचरज गधे स्वामी, पहुँचे अपने घर के नानी। ईश्वर की कैसी नादानी, मुझको होती है हैरानी... भरके अचरज गधे स्वामी, पहुँचे अपने घर के नानी। ईश्वर की कैसी नादानी, मुझको होत...
जिनके नाम पर सहानुभूति लेकर देश प्रदेश हुआ जाता है। जिनके नाम पर सहानुभूति लेकर देश प्रदेश हुआ जाता है।
गधों को आदमी की तरह, पेट के दांत नहीं होते, गधे-गधे होते हैं, आदमी की तरह बंद किताब नहीं होते... गधों को आदमी की तरह, पेट के दांत नहीं होते, गधे-गधे होते हैं, आदमी की तरह बं...