आज भी इंतज़ार कर रही है वो भोर वो लालिमा वो पुष्प एवं वही महकती हवा। आज भी इंतज़ार कर रही है वो भोर वो लालिमा वो पुष्प एवं वही महकती हव...
पीपल की एक एक शाख सा हर घर रहा इसी आस पर पीपल की एक एक शाख सा हर घर रहा इसी आस पर