मन की केतली ने मचा रखी है खलबली, कौन सुने व्यथा। मन की केतली ने मचा रखी है खलबली, कौन सुने व्यथा।
निभानेवाले दिखते थे ओहदा पद आजीवन नहीं रहता। निभानेवाले दिखते थे ओहदा पद आजीवन नहीं रहता।