जीवन-मृत्यु पे किसका वश है, उठकर अपना भविष्य संवारे। जीवन-मृत्यु पे किसका वश है, उठकर अपना भविष्य संवारे।
ख्वाहिश है नीलगगन मैं उन्मुक्त उड़ान भरने की l ख्वाहिश है सागर के अंदर गहराई में डुबकियां लगाने क... ख्वाहिश है नीलगगन मैं उन्मुक्त उड़ान भरने की l ख्वाहिश है सागर के अंदर गहराई ...
बाल रवि की सुकोमल रश्मि नूतन किसलय को चूम रही है। बाल रवि की सुकोमल रश्मि नूतन किसलय को चूम रही है।