दूरी मीलों की भले हो मन पे तुम काबिज रहीं। दूरी मीलों की भले हो मन पे तुम काबिज रहीं।
दफ्तर की हर कुर्सी पर पिशाच जो काबिज़ था ! दफ्तर की हर कुर्सी पर पिशाच जो काबिज़ था !