उस नारी को शत- शत नमन कर शीश झुकाना जिसके बिना सृष्टि की कभी न होगी कल्पना। उस नारी को शत- शत नमन कर शीश झुकाना जिसके बिना सृष्टि की कभी न होगी कल्पना।
हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो। माँ शारदा कालिका कमला तेरा ही रूप है। हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो। माँ शारदा कालिका कमला तेरा ही रू...