थी चाह गर्दिश-ए- किस्मत में एक जुगनू देखूँ... जुल्मत-ए-शब में एक उभरता नजारा देखूँ। थी चाह गर्दिश-ए- किस्मत में एक जुगनू देखूँ... जुल्मत-ए-शब में एक उभरता नजारा...
मैं खोई हुई सांस की जगी आस हूं मैं फरियादी दिल की आबादी हूं मैं खोई हुई सांस की जगी आस हूं मैं फरियादी दिल की आबादी हूं