बाप हिंदी कविता दुनिया संभाला मानव सगरो बरसला चुनरिया अपनेपन की सुरभि प्यार तो होती है चाहत अपनी उमरिया नेकी सजनी खुशी मिलेगी यहीं खुश रहने की हसरत किस तरह बितावैं अधीर बांटें-बांटे खुशी धर्म माया

Hindi उमरिया Poems