पति से प्यार है अपार पाया, जीवन भर का मित्र बनाया पति से प्यार है अपार पाया, जीवन भर का मित्र बनाया
फिर कहां सुन पाऊंगी मैं आवाज अपने मन की और न ही कुछ कर पाऊंगी फिर कहां सुन पाऊंगी मैं आवाज अपने मन की और न ही कुछ कर पाऊंगी
निज संतति के सुख हित सहते अगणित दुख, मात-पिता के संग ही पूरा होता एक परिवार। निज संतति के सुख हित सहते अगणित दुख, मात-पिता के संग ही पूरा होता एक परिवार।