मेरा जीवन
मेरा जीवन
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मैं आई कहाँ से, मैं जाऊँ कहाँ पर,
उड़ती मैं ज़िंदगी को पंख लगाकर
पंख जो मिले ऋणी हूँ मैं,
शत शत आभार नमन हूँ मैं
ईश्वर मात-पिता से जो है मिला,
वह पाकर सदैव आगे बढ़ी हूँ मैं
पति से प्यार है अपार पाया,
जीवन भर का मित्र बनाया
दो बहनें प्यारी सखियाँ मेरी,
सदैव हैं रहतीं पक्ष में मेरी
इन सब से है जीवन पुष्कर,
उड़ती मैं ज़िंदगी को पंख लगाकर।
