जैसे भोर के आगमन , पर चांद चला जाता है, छोड़ जाता है याद भरा सपना ! जैसे भोर के आगमन , पर चांद चला जाता है, छोड़ जाता है याद भरा सपना !
ये जो प्रेम के धागे है हम इंसानों में ही गांठ लगाते हैं ये जो प्रेम के धागे है हम इंसानों में ही गांठ लगाते हैं