नजरिया ही कुछ और होता था। नजरिया ही कुछ और होता था।
मेरी चाहत की नजा़कत में तू इस कदर टूटे उस पल की मुंँह मांँगी दुआ पर वह नूर आ जाए। मेरी चाहत की नजा़कत में तू इस कदर टूटे उस पल की मुंँह मांँगी दुआ पर वह नूर आ...
गगन रात भर सुबक सुबक कर जलता होगा, मदहोश शहर जब आतिशबाजी करता होगा, गगन रात भर सुबक सुबक कर जलता होगा, मदहोश शहर जब आतिशबाजी करता होगा,