करे ये मन भी अंतरद्वंद है इस बात को लेकर नही है भाग्य में शवपट भी तुम वो शरीर बोते हो करे ये मन ... करे ये मन भी अंतरद्वंद है इस बात को लेकर नही है भाग्य में शवपट भी तुम वो शरीर...
मेरी यह कविता जो हमारे जीवन के अंतर्द्वंद को दर्शाती हैं। मेरी यह कविता जो हमारे जीवन के अंतर्द्वंद को दर्शाती हैं।
ये जो रास्तों की मुश्किलें हैं, बाजार के भाव की अटकलें हैं... ये जो रास्तों की मुश्किलें हैं, बाजार के भाव की अटकलें हैं...