बरसों की भरोसे की दुकान चाहे टूट गई है खुद पे यकीं से जिंदगी मीठे अंगूर बन गई है। बरसों की भरोसे की दुकान चाहे टूट गई है खुद पे यकीं से जिंदगी मीठे अंगूर बन गई...
अब अंगूरी अंगूर की छाई है लंगूर पर, उतरी लंगूर की आया होश ठिकाने पर। अब अंगूरी अंगूर की छाई है लंगूर पर, उतरी लंगूर की आया होश ठिकाने पर।