कैसे मैं इठलाऊँ सज-धज आज जानूँ खुशियाँ पल भर की है उधार। कैसे मैं इठलाऊँ सज-धज आज जानूँ खुशियाँ पल भर की है उधार।
मुरझाया हुआ जूही और मोगरे के फूल खिलती बाबुल के अँगना महकती महकाती। मुरझाया हुआ जूही और मोगरे के फूल खिलती बाबुल के अँगना महकती महकाती।
मेरे अँगना, नीम का पेड़ दे छाँव अपनी साथ छोड़ चले। मेरे अँगना, नीम का पेड़ दे छाँव अपनी साथ छोड़ चले।
मिन्नत करूँ ये बार बार माँ सुनना। नहीं छोड़ना मुझे बाबुल का अँगना। मिन्नत करूँ ये बार बार माँ सुनना। नहीं छोड़ना मुझे बाबुल का अँगना।
उसके गले में थी अपने वारिस के नेम प्लेट की पिरोई उसके जर्रे जर्रे ने लिखी मेरी इबादत प उसके गले में थी अपने वारिस के नेम प्लेट की पिरोई उसके जर्रे जर्रे ने लिखी मेर...