यादों का सिलसिला
यादों का सिलसिला
अतीत की यादों का सिलसिला हमें है देता सहारा,
वर्ना ज़िन्दगी जीना मुश्किल ही हो जाना था यारा।
यारों प्यार के नाम पर किस्मत कितना रुलाती थी,
रात-भर जागता था चैन की नींद ही ना आती थी।
अब बहुत ज़्यादा हँसता हूँ और वो याद ना आती,
अब कविताएँ कहानियाँ लिख कर दिल बहलाता।
गुजरे हुए लम्हों ने दोबारा तो लौट कर नहीं आना,
बस कुछ कड़वी मीठी यादें बन कर तो रह जाना।
कभी-कभी तो वो लम्हे बहुत-बहुत हमें है रूलाते,
कभी-कभी वो गुजरे हुए लम्हे हमें कितना हँसाते।
