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Garima Rajnish Dubey

Others

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Garima Rajnish Dubey

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याद

याद

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तुम मुझे कुछ 

ऐसे ही भूल जाना 

जैसे घर में माँ 

भूल जाती है रखकर

कोई बेहद जरूरी चीज़ 

सबसे सुरक्षित स्थान पर...


तुम मुझे वैसे ही भूल जाना 

जैसे सूरज के आते ही 

दिन भूल जाता है

आसमान में चाँद की उपस्थिति....


मुझे भूलो तो कुछ यूं भूलना

जैसे अंतिम वक्त 

साथ छोड़कर जाते 

रूह भूल जाती है 

उम्रभर पहना अपना लिबास.....


तुम हूबहू वैसे ही भूल जाना मुझे

जैसे गृहकार्य न करने पर

पहली कक्षा का बच्चा 

घर भूल आता है कापी.....


भूलना हो तो ऐसे भूलना 

कि फिर याद करने की 

कभी भूलकर भी भूल न हो...


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