याद
याद
1 min
257
तुम मुझे कुछ
ऐसे ही भूल जाना
जैसे घर में माँ
भूल जाती है रखकर
कोई बेहद जरूरी चीज़
सबसे सुरक्षित स्थान पर...
तुम मुझे वैसे ही भूल जाना
जैसे सूरज के आते ही
दिन भूल जाता है
आसमान में चाँद की उपस्थिति....
मुझे भूलो तो कुछ यूं भूलना
जैसे अंतिम वक्त
साथ छोड़कर जाते
रूह भूल जाती है
उम्रभर पहना अपना लिबास.....
तुम हूबहू वैसे ही भूल जाना मुझे
जैसे गृहकार्य न करने पर
पहली कक्षा का बच्चा
घर भूल आता है कापी.....
भूलना हो तो ऐसे भूलना
कि फिर याद करने की
कभी भूलकर भी भूल न हो...