पतझड़ में भी मैं तो पेड़ों से पत्ते झड़ने न दूं। पतझड़ में भी मैं तो पेड़ों से पत्ते झड़ने न दूं।
तब साँझ के इस खूबसूरत पहर में सिंदूरी हो जाता उसका पोर पोर...!! तब साँझ के इस खूबसूरत पहर में सिंदूरी हो जाता उसका पोर पोर...!!