वसंत ऋतु है आई
वसंत ऋतु है आई
वसंत ऋतु है आई
संग में है खुशियाँ लाई,
मुन्ना काजल मुनिया सभी
गाते हैं गीत झूम-झूम कर,
वसंत ऋतु है आई,
चहुंओर है बज रही जैसे शहनाई।।
वसंत ऋतु है आई
मुन्ना कर रहा है शुक्रिया
वसंत ऋतु से कहता है मुन्ना,
वसंत ऋतु तू बहुत अच्छी है
जब से तू आई है हर जगह
खुशियाँ ही खुशियाँ छाई है।।
वसंत ऋतु है आई
मुनिया भी कर रही आभार प्रकट,
वसंत ऋतु तू जब से है आई
ठंड में है बहुत कमी आई
बेसहारों दीन दुखियों के लिए
तू है खुशियाँ लाई।।
वसंत ऋतु है आई
पेड़-पौधे भी हैं झूमते,
प्रकृति मुस्कुरा रही है
कोयल सुंदर गीत गा रही है,
धरती माँ भी है खुश बहुत
वसंत ऋतु सच मुच है बहुत अच्छी।।
वसंत ऋतु के आगमन से
निर्धन भी करते हैं आभार प्रकट
ईश्वर से हे ईश्वर! आपने सुन ली
हम दीन दुखियों की करुण पुकार
झेलनी पड़ती थी ठंड की वजह
से दुख अपार।।
