वक़्त
वक़्त
जिदंगी के बदलते वक्त में कोन किसके साथ था ,
जरा अपने दिल से पूछिए के आपके सिर पे किसका हाथ था ,
समझ नही आता दुख के पलों केसे भुलाया जाय ,
बस जिदंगी के हर वक्त में तेरे मेरे रिस्ते का साथ निभाया जाय ,
दुख भरे दर्द की टूटे दिल की एक ही कहानी थी ,
वो आशु हरपल के लिख रहे दर्द की कहानी थी ,
ये प्यार का रिश्ता साथ का रिश्ता ये है सारा जहाँ ,
क्या मेरा क्या तेरा हम दोनों का एक ही है सारा जहाँ ,
प्यार वो नही है जो तुने या मेने एक दूसरे को किया है ,
प्यार वो है जो जीवन के बदलते वक्त ने साथ साथ किया है ,
कैसे में भूल जाऊ दिल के वो हालात को जो संग रहे तेरे ,
दिल की गहराई के लम्हो को कैसे हर पल मिटा पाऊ ,
तेरे मेरे रिस्ते का अब एक ही अरमान और वक्त था ,
दिल और प्यार का गवाह अब ये सारा जमाना था।