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Kavita Yadav

Children Stories Classics

4  

Kavita Yadav

Children Stories Classics

वो बचपन का घर

वो बचपन का घर

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जिसमें मैंने अपना

बचपन बिताया,

वो घर आज भी याद है।

वो खिड़की से झाँककर

आइसक्रीम वाले को बुलाना,

वो घर आज भी याद है।

अपना बिस्तर वाला पलंग

आज भी याद है।


देखा मैंने जाकर वो घर,

कई सालों के बाद...

उस घर की हर दीवार पर

मम्मी-पापा की वो डांट और प्यार,

आज भी याद है...


सच है! हम जहान में

कहीं भी चले जाएँ,

पर बचपन की हर बात,

ओर जन्म से जहाँ रहे...

वो शरारतों से और मस्ती का घर,

जन्म के अंत तक हमें

सदा ही याद रहते हैं।


भले वो कच्ची

झोपड़ी या आलीशान

महल ही क्यों ना हो,

पर वो बचपन बिताया घर

मुझे आज भी याद है।


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