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Garima Kanskar

Others

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Garima Kanskar

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वक्त की बर्बादी

वक्त की बर्बादी

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कभी कभी जिंदगी में

कुछ ऐसी उलझन

आती है कि मन

इतना बेचैन

हो उठता है

की समझ नहीं आता कि

क्या करे

तब फोन उठाकर

किसी को किया जाये

कभी फोन लगता नहीं

कभी कोई दूसरे कॉल

पर व्यस्त होता है


कभी कोई फोन

उठाता ही नहीं

यदि ग़लती से उठा भी

लिया तो कहते है

हम व्यस्त है

बाद में बात करते है

वक्त पर कोई

बात करता ही नहीं


सब वक्त निकाल कर

बात करते है

तब तक

सारी स्थिति सम्भल

चुकी होती है

तब

बात करने का

अर्थ सिर्फ वक्त

की बर्बादी

के अलावा कुछ

नहीं रह जाता है


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