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Navin Madheshiya

Others

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Navin Madheshiya

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वजूद

वजूद

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अक्सर रहा हूँ मैं औसत दर्जे का

बैठा हूँ सबसे पिछली सीट पर

खोया रहता हूँ खुद में

और ढूँढता अपना वजूद मैं


नहीं पूरी हुई है तलाश अभी

इसलिए खोज रहा हूँ खुद को मैं


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