Navin Madheshiya
Others
अक्सर रहा हूँ मैं औसत दर्जे का
बैठा हूँ सबसे पिछली सीट पर
खोया रहता हूँ खुद में
और ढूँढता अपना वजूद मैं
नहीं पूरी हुई है तलाश अभी
इसलिए खोज रहा हूँ खुद को मैं
यादें
तपिश
बातें अपनी
एक फूल
प्रेम: एक विश...
तेरे हर गीत म...
औरत
शब्दों की महि...
शब्द