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Bhawna Panwar

Others

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Bhawna Panwar

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उनका गर्व -मै, बेटी

उनका गर्व -मै, बेटी

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नौ महीने कोख में सपने संजो बड़ी हुई हूं मै,

कैसे कह दूँ बिना वजह पैदा हुई हूं मैं।। 


लाखों सपने देखे होंगे उन्होंने मेरे लिए

तब जाकर ही लाया हैं मुझे इस संसार में उन्होंने ।। 


शालीनता,शराफ़त और सारे मानवीय संस्कारो 

का पाठ पढ़ाया हैं उन्होंने


और इस पाखंड जमाने में मुझे 

मजबूत बनाया हैं उन्होंने।। 


समाज की चिंगारियों से दूर, हस्तक्षेप करना सिखाया हैं

उन्होंने और वातावरण के सारी अनुकूलताओं से रू ब रू करवाया हैं उन्होंने।। 


जमीन पर आसमां की सैर करवाना सिखाया हैं उन्होंने

और किसी पतंग की डोर की तरह बस ऊंचे उड़ना सिखाया हैं उन्होंने मुझे।। 


सारी महत्कांक्षा से लोभित किया हैं उन्होंने मुझे तो फिर

कैसे कह दूँ कि उन्होंने किसी बेटे से कम बताया हैं उन्होंने।।


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