ठहरता नहीं
ठहरता नहीं
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वैसे तो वक्त किसी के लिए ठहरता नहीं,
उसे रोके बिना दिल हमारा भी भरता नहीं।
आने वाले पलों को खुशामदीद आज करलें
यूं ही तो आने वाला वक्त बदलता नहीं।
क़दमों की गर्मी से पहाड़ को बना दें पानी
रंगीनियों में तो बर्फ भी पिघलता नहीं।
तूफानों से कतरा कर निकलते हैं तिनके
जिस्म वो है किसी दर्द में सिमटता नहीं।
जांबाज़ खेलते हैं आने वाली सदियों से
आज के पलों से अब मन बहलता नहीं।