तीन रंगों से सजा तिरंगा
तीन रंगों से सजा तिरंगा
सोने की चिड़िया नहीं
सोने का शेर बनाऊंगी,
तीन रंगों से सजा तिरंगा
हृदय बसाऊंगी।
जयचंदो की सेना का विस्तार
न होने दूंगी,
आस्तीन के सांपों को अब और
न पलने दूंगी।
सोने की चिड़िया नहीं,
सोने का शेर बनाऊंगी।
तीन रंगों से सजा तिरंगा,
हृदय बसाऊंगी।
भारत पावन भूमि पर
तिरंगे का सम्मान बढ़ाउंगी,
मैं भारत की बेटी
तिरंगा हृदय बसाऊंगी।
सोने की चिड़िया नहीं
सोने का शेर बनाऊंगी।
तीन रंगों से सजा तिरंगा
हृदय बसाऊंगी।
तिरंगे की शान में गोदी के लाल तमाम गए,
बहू बेटियों की हाथों के
सुहाग गए।
उनके नमन में शीश मै सदा झुकाऊगी।
सोने की चिड़िया नहीं
सोने का शेर बनाऊंगी।
तीन रंगों से सजा तिरंगा
हृदय बसाऊंगी।
फासला बढ़ाने वाला कोई जिक्र
न लाऊंगी।
वसुधैव कुटुंबकम के गीत सदा मै गांऊगी।।
